Breaking News

साधना और चिकित्सा का श्रेष्ठतम पद्धति है योगः प्रान्तीय प्रभारी


# साधना और चिकित्सा का श्रेष्ठतम पद्धति है योगः प्रान्तीय प्रभारी
योग शिक्षक सभाराज आर्य और मनोज पटेल योगरत्न से सम्मानित
जौनपुर। भारत की प्राचीनतम विरासत योग उच्चतम कोटि की साधना पद्धति के साथ एक खूबसूरत चिकित्सा पद्धति भी है। जिसके सैद्धांतिक पक्षों के साथ क्रियात्मक अभ्यासों के नियमित और निरन्तर अभ्यासों से व्यक्ति के भीतर सुसुप्ता अवस्था में सन्निहित समस्त शक्तियों का निरन्तर विकास होता रहता है। जिसके कारण व्यक्ति हर पल स्वस्थ और खुशहाल रहता है। यह बातें मड़ियाहूँ में आयोजित स्वागत समारोह में प्रान्तीय प्रभारी सेवानिवृत्ति न्यायाधीश श्री श्रीभगवानदास ने कही। इस दौरान प्रान्तीय योग निरीक्षक भागीरथ पुरुषार्थी ने बताया कि हर युग में युवा ही योग को पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तान्तरित करने का कार्य कर रहा है। वह चाहे भगवान बुद्ध हों या महावीर या वर्तमान युग में योग के संवाहक बाबा रामदेव। इसलिए आज प्रत्येक युवा को इस प्राचीनतम विरासत को अपनाकर स्वस्थ और समृद्ध भारत के निर्माण में अपनी महती भूमिका निभानी चाहिए। योगी सभाराज पटेल और योगी मनोज पटेल को जनपद के योगरत्न के रूप में सम्मानित किया गया। प्रान्तीय प्रभारी अचल हरीमूर्ति ने बताया कि स्वास्थ्य की दृष्टि से प्राणायामों का नियमित और निरन्तर अभ्यास सर्वोपरि है। इस मौके पर महिला पतंजलि योग समिति की प्रान्तीय प्रभारी शशिजी, शशिभूषण, संजय, उत्तम, आचार्य कृष्णमुरारी, डा. हेमन्त, ममता, धर्मशीला, अंजुम, सुरेन्द्र, तेजबहादुर, प्रेमचंद, नन्दलाल, अनिल, पिन्टू, सुभाष, प्रेमप्रकाश आदि उपस्थित रहे।

No comments