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अपने लक्ष्य को पाने की वैसी ही छटपटाहट होनी चाहिए जैसी पानी से बाहर निकली मछली- आचार्य शान्तनु #samadhannews365#nirajchitravanshi



अपने लक्ष्य को पाने की वैसी ही छटपटाहट होनी चाहिए जैसी पानी से बाहर निकली मछली- आचार्य शान्तनु

    आज माँ दुर्गा जी सीनियर सेकेण्डरी विद्यालय, सिद्दीक़पुर, जौनपुर में छात्र-छात्राओं हेतु प्रख्यात कथावाचक मानस मर्मज्ञ पूज्य आचार्य शान्तनु जी महाराज द्वारा संस्कारशाला कार्यक्रम का आयोजन हुआ। लगभग एक घंटे तक विद्यार्थियों को धर्म, संस्कृति, आदर्श चरित्र जैसे नैतिक विषयों पर उपदेश देने के पश्चात् छात्र-छात्राओं के अनेक प्रश्नों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने का प्रयास किया।


उन्होंने से विद्यार्थियों से कहाँ की माता पिता व गुरु की आज्ञा का पालन ही आपका धर्म है और उस धर्म को पूर्ण करने के लिए जो भी कार्य आप करते है वही आपका कर्म है। दोनों अलग नहीं है। उन्होंने कहा की आपको सफल नहीं सार्थक बनने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कक्षा नौ से बारह तक के छात्र-छात्राओं से कहा की चौदह से इक्कीस वर्ष की किशोरावस्था जीवन के सबसे निर्णायक व महत्वपूर्ण वर्ष होते है। इसी अवस्था में अगर आपने सही राह चुन ली तो जीवन में सफलता निश्चित है। पर आपको जीवन में सफल नहीं होना है बल्कि सार्थक बनाना है। होना नहीं है बनना है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए आपको हर समय जल के बाहर निकली मछली की भाँति छटपटाना चाहिए तभी जो सोचेंगे उस से ज़्यादा ही पायेंगे। अंत में उन्होंने ने कहा की किसी मंदिर में भगवान है या नहीं इसका मेरे पास कोई प्रमाण नहीं है किंतु आपके घर में जो माता-पिता है, जो आपके गुरु है वह निश्चित ही भगवान स्वरूप है इसलिए कभी भी इनका अनादर नहीं करना चाहिए।


संबोधन के बाद बच्चों के प्रश्नों के उत्तर देने के क्रम में माँ दुर्गा जी विद्यालय की कक्षा बारहवीं (आर्ट्स) की छात्रा कोमल सिंह ने आचार्य जी से पूछा की लक्ष्य ke मार्ग पर किसी समय दो रास्तों में से एक को चुनना हो तो कैसे चुने? इसके जवाब में आचार्य जी ने कहा की ऐसे में लक्ष्य तक पहुँचने के दो उपाय है, या तो ख़ुद भटकते हुए पहुँचो या फिर अपने किसी गुरु, माँ बाप, मित्र से चर्चा करो पूछो कौन सा रास्ता सही है फिर भटकना नहीं पड़ेगा। ऐसे ही दर्जनों छात्रों ने अपने अपने मन की दुविधा को मिटाने के लिए कई सवाल पूछे और आचार्य शान्तनु जी महाराज ने सभी के सवालों का जवाब देकर बच्चों की जिज्ञासा को शांत किया। 



कार्यक्रम की शुरुआत में आचार्य शान्तनु जी का विद्यालय के प्रबंधक श्री सूर्य प्रकाश सिंह मुन्ना व निदेशक सूर्यांश प्रकाश सिंह ने माल्यार्पण, अंग्वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया। उक्त कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य अशोक सिंह, के एन सिंह, सुनील मौर्य, पी डी सिंह, अजीत सिंह व समस्त शिक्षक शिक्षिकाऐं उपस्थित रहे। 


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