दो तरह की होती है हिजामा पद्धतिः डा. तारिक शेख
# दो तरह की होती है हिजामा पद्धतिः डा. तारिक शेख
सिटी नर्सिंग होम ने लगाया शिविर, दर्जनों लाभान्वित
जौनपुर। सिटी नर्सिंग होम शाहगंज एवं शेख बदरूद्दीन आजमी मेमोरियल वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा एक दिवसीय चौथा वार्षिक निःशुल्क हिजामा कपिंग थेरेपी शिविर लगाया गया। शिविर में दो दर्जन से अधिक लोगों का उपचार करते हुये बीमारियों से बचाव के गुण की जानकारी दी गयी। इस मौके पर हिजामा के एक्सपर्ट डा. तारिक शेख ने बताया कि यह 5000 साल पुरानी पद्धति है जो पूरे विश्व में अलग-अलग नाम से जानी व पहचानी जाती है। भारत में इसे रक्त मोक्षण के नाम से जाना जाता है। यह दो तरह से भी किया जाता है। जैसे ड्राई व वेट। इसी क्रम में डा. सैय्यदा हुमैरा बानो ने कहा कि हिजामा से बहुत सारी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। अगर इसको नियमित रूप से किया जाय तो माइग्रेन, घुटनों के दर्द, गठिया, गर्दन दर्द, नसों में खिंचाव, स्पन्डिलाइटिस, मासिक की खराबी, मोटापा आदि बीमारियों से छुटकारा मिल जायेगा। शिविर में डा. मोहम्मद काशिफ व आरिफ ने दर्जनों मरीजों की थेरेपी किया। अन्त में कार्यक्रम आयोजक डा. सैय्यदा हुमैरा बानो ने समस्त चिकित्सकों सहित अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सुक्खू बिन्द, मनीष यादव, अमरावती गुप्ता, प्रदीप कुमार सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
No comments