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प्रभु को जानकर की जाने वाली भक्ति ही सार्थकः मेवा लाल

# प्रभु को जानकर की जाने वाली भक्ति ही सार्थकः मेवा लाल
जौनपुर। परमात्मा की अनुभूति होने पर ही भक्ति आरम्भ होती है। प्रभु को जानकर की जाने वाली भक्ति ही सार्थक होती है। सार्वभौमिक सत्य को जानकर ही यह भाव पनपता है कि सारी दुनिया एक परिवार का अंश है। कण-कण मंे व्याप्त परमात्मा है। यह शाश्वत सत्य है। यही एक रस रहने वाला है। उक्त उद्गार कुत्तूपुर चौराहे के पास स्थित लक्ष्मी हेल्थ केयर हॉस्पिटल के प्रांगण में आयोजित निरंकारी सत्संग समारोह में उपस्थित विशाल संत समूह को सम्बोधित करते हुये संत मेवा लाल यादव मुखी ने व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि आज निरंकारी सद्गुरू माता सुदीक्षा सविन्दर हरदेव जी महाराज विश्व भर में समस्त मानव जाति को ब्रह्म ज्ञान द्वारा एकत्व का भाव स्थापित कर रही हैं। इस अवसर पर डा. संदीप मौर्या, उदय नरायन जायसवाल, साधु मास्टर, विनोद कुमार, डा. अरविन्द, बाबू राम, सूरज, सवरिया, कुमारी, शोभावती, विजय गुप्ता सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। मंच का संचालन राधेमोहन यादव ने किया।

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