पशुओं को छुट्टा छोड़े जाने वालों पर अब होगी कार्यवाही
# पशुओं को छुट्टा छोड़े जाने वालों पर अब होगी कार्यवाही
जौनपुर। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार निराश्रित/बेसहारा पशुओं के लिये अस्थायी गोआश्रय स्थल की स्थापना/व्यवस्था एवं प्रबंधन/संचालन हेतु स्थानीय निकायों एवं आश्रय स्थल पर भरण पोषण की व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने के लिये ग्राम्य विकास विभाग/पंचायतीराज विभाग/नगर विकास विभाग को निर्देश दिये गये हैं। तत्सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी ने जनपद के समस्त ग्राम प्रधानों से आह्वान किया कि कोई भी निराश्रित/बेसहारा पशुओं को अस्थायी आश्रय स्थल बनाकर उसमें रखने की व्यवस्था करवायें। कोई भी गोवंश खुली जगहों पर घूमता न पाया जाय। यदि पाया जाता है तो उसे नजदीकी अस्थायी गोआश्रय स्थल पर भेजवाया जाय्ा। साथ ही मुनादी करायी जाय कि कोई भी ग्रामवासी अपने पशु खुले में न छोड़ें, क्योंकि इससे कृषकों की फसल का नुकसान होता है तथा दुर्घटना की भी सम्भावना बनी रहती है। इसके बावजूद भी लोग नहीं मानते हैं तो शासनादेश के अनुपालन में उन्हें डण्डित किया जायेगा। साड़, बैल, गाय, बछड़ा, घोड़ी, भैंस, बछेड़ी, बछेड़ा, पड़िया, पड्वा, टट्टू, घोड़ा, गधा, खच्चर आदि पर 1000 अर्थदण्ड और 100 रूपये प्रतिदिन की दर से खुराकी देनी होगी। 1 वर्ष तक के गाय के बछड़े, बछिया या पड़वा पर 500 का अर्थदण्ड और 50 रूपये खुराकी देनी होगी। बकरा, बकरी, बकरी का बच्चा, भेड़, भेड़ी, उसका बच्चा, सूअर, उसके बच्चे पर 500 रूपये का अर्थदण्ड और 50 रूपये प्रतिदिन खुराकी वसूला जायेगा।
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