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जौनपुर में आंधी-तूफान ने बरपा कहर, किसानों के छीन गये निवाले





# जौनपुर में आंधी-तूफान ने बरपा कहर, किसानों के छीन गये निवाले
जौनपुर। जनपद के जिला मुख्यालय सहित ग्रामीणांचलों में बीती रात आये भयंकर तूफान के बीच बारिश से जहां पेड़-पौधों के गिरने से आवागमन में बाधित हो गया, वहीं किसानों की फसलें नष्ट होने से उनके चेहरे पर मायूसी छा गयी। गरीब किसान जहां अपनी मेहनत से फसलों को तैयार करके 2 जून की रोटी की व्यवस्था किये थे, वहीं तेज बारिश एवं ओला गिरने से किसानों की फसल इस कदर हो गयी कि मानो किसानों के पैरों तले जमीन खिसक गयी हो।
जफराबाद संवाददाता के अनुसार किसान जब अपनी फसल को अपने खेतों को नष्ट होता देखे तो उसकी आंखों से आंसू की जगह खून निकल रहे हैं। अपनी फसल को इस कदर नष्ट होता देखकर पूरे परिवार में मायूसी छा गयी। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग किया कि तेज बारिश व चक्रवात के चलते नष्ट हुये किसानों की फसलों का मुआवजा दिलाया जाय। जगह-जगह पेड़ आदि गिरे तो कहीं-कहीं टीनशेड आदि उड़ गये। इसके चलते जहां आवागमन बाधित हुआ, वहीं कुछ लोग घायल भी हो गये। कुल मिलाकर जनहानि के अलावा किसानों का काफी नुकसान हुआ है।
सिरकोनी संवाददाता के अनुसार स्थानीय क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में बीती रात आये आंधी-तूफान के साथ हुई बरसात से एक बार फिर गेहूं की फसल पर मार पड़ गयी। एक दिन पूर्व भी आंधी-पानी से काफी फसलें तबाह हुई थीं। इससे उबरने की कोशिश कर रहे किसानों के सामने एक बार पुनः आंधी-पानी ने मुसीबत खड़ी कर दी। मौसम के मिजाज को लेकर किसानों के होश उड़ गये हैं। बताते चलें कि बीती रात लगभग 3 बजे के बाद अचानक मौसम बदला और तेज आंधी के साथ बरसात शुरू हो गयी। आंधी-तूफान के साथ बरसात होने से गेहूं की फसलें की व्यापक क्षति हुईं। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में लगभग 80 फीसदी खेतों में गेहूं की खेती की जाती है और 20 प्रतिशत भू-भाग में दलहन व तिलहन की खेती होती है। बरसात से गेहूं का दाना फूल जा रहा है। गेहूं की फसल जमींदोज हो गयी है। इस बाबत बहादुर निवासी हरिहर प्रसाद यादव सहित अन्य किसानों का कहना है कि कड़ी मेहनत व पूंजी लगाकर तैयार की गयी फसल बरसात से बर्बाद हो गयी। बरसात से गेहूं की फसल गिर जाने से किसानों की पूंजी बर्बाद हो गयी। लोगों का कहना है कि यदि मौसम का यही मिजाज रहा तो निवाले पर भी संकट आ जायेगा।

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