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लॉकडाउन में इण्टरलाकिंग ईंट उद्योगों पर पड़ी भारी मार

 


समाधान न्यूज 365#

लॉकडाउन में इण्टरलाकिंग ईंट उद्योगों पर पड़ी भारी मार
इण्टरलाकिंग ब्रिक उद्योग की नैया के खेवनहार की तलाश
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील क्षेत्र में ईंट का विकल्प बना इंटरलाकिंग ब्रिक उद्योग तेजी से फलने-फूलने लगा। कस्बे के सादीगंज में एसकेपीके इंटर प्राइजेज, मां वैष्णव इंटर प्राइजेज घघरिया, प्रसाद इंटरलाकिंग ईंट उद्योग जमालपुर, इंटरलाकिंग ब्रिक उद्योग अरुवांवा जैसे दर्जनों ईंट उद्योगों की स्थापना हुई। व्यवसाइयों ने काफी लाभ भी कमाया लेकिन लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण के दौरान लाखों का कारोबार करने वाले इंटरलाकिंग ईंट व्यवसाइयों को काफी घाटा लगा। कई प्लाण्ट तो बन्द हो गये और कई बन्दी के कगार पर हैं।

कुछ प्लाण्ट में प्रोडक्शन शुरु तो हुआ लेकिन डिमांड कम होने से उद्योग लाभ की स्थिति में नहीं हैं। इंटरलाकिंग ब्रिक उद्योग से जुड़े व्यवसाइयों की व्यथा है कि लॉक डाउन की वजह से जो मजदूर गये, अभी तक वापस नहीं आये जिसकी वजह से काम रोकना पड़ा। वही जो रुके भी थे, उनको उद्योग बन्द होने के दौरान भी वेतन देना पड़ा। ब्रिक बनाने के उपयोग में आने वाली सैकड़ों बोरी सीमेंट बारिश के कारण जमकर नष्ट हो गई। गिट्टी, राख का भी काफी नुकसान हुआ। लॉक डाउन की वजह से पूंजी समाप्त हो गई तो बैंक भी मदद के लिये हाथ खड़ा कर दिया। ऐसे में कितने प्लांट तो बन्द हो गये और कितने शुरु करने की जुगाड़ में लगे हैं। इस उद्योग से जुड़े लोग शासन स्तर से राहत की मांग किये हैं। साथ ही बैंक से ऋण की राशि पर व्याज में राहत देकर रॉ-मैटेरियल के लिये सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध कराकर डूबते उद्योगों को उबारने की मांग किये हैं।

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