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एक टांग भगवान ने तोड़ा है दूसरा मैं तोड़ दूंगा...


 

समाधान न्यूज 365#

एक टांग भगवान ने तोड़ा है दूसरा मैं तोड़ दूंगा...
दिव्यांग को अवैध कब्जेदार अरुण ने दी धमकी
पीड़ित ने उपजिलाधिकारी व कोतवाल से की शिकायत
केराकत, जौनपुर। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां शारीरिक रुप से अक्षम लोगों के लिये एक शब्द का प्रयोग करके स्वयं के साथ पूरे देश को उस शब्द को कहने के लिये प्रेरित कर रहे हैं, वहीं कुछ मनबढ़ किस्म के लोग उस शब्द का प्रयोग करके शारीरिक रुप से कमजोर व्यक्ति का दूसरा पैर भी तोड़ने की बात कह रहे हैं। हास्यास्पद बात तो यह है कि इस शब्द का प्रयोग तहसील सभागार में उपजिलाधिकारी केराकत के समक्ष किया गया। यह मामला केराकत कोतवाली क्षेत्र का है जहां एक मनबढ़ व्यक्ति ने दिव्यांग व्यक्ति का दूसरा पैर तोड़ने की बात उस समय किया जब वह एक कब्जेदार की शिकायत करने तहसीलदार सभागार में पहुंचा था। पीडित मो. असलम पुत्र मो. सलीम निवासी शेखजादा के अनुसार वह बीते 25 सितम्बर को उपजिलाधिकारी द्वारा व्यापारियों व सभासदों के साथ स्थानीय नगर पंचायत के माध्यम से तहसील सभागार में अतिकमण के सम्बन्ध में बैठक में पहुंच गया। सभी व्यापारी अपना विचार रख रहे थे जहां उपजिलाधिकारी के समक्ष अरुण कमलापुरी द्वारा नाली पर किये गये कब्जे की शिकायत मो. असलम द्वारा की गयी। साथ ही पूर्व के अतिकमण के बारे में भी शिकायत दोहरायी गयी। शिकायतकर्ता के अनुसार वह एक दिन अरुण कमलापुरी की दुकान के सामने से जा रहा था कि वे रोककर कहे कि एक टांग पहले से ही टूटा है और दूसरा मैं तोड़ दूंगा। बैठक में मौजूद सतीश सेठ नामक व्यक्ति उपजिलाधिकारी सहित उपस्थित तमाम लोगों के बीच मो. असलम को दूसरा टांग तोड़ने की बात कह दिया। इसको लेकर बैठक के दौरान काफी हो-हल्ला हुआ लेकिन न कब्जेदार अरुण कमलापुरी के खिलाफ कार्यवाही की गयी और न ही लंगड़ा कहने व पैर तोड़ने वाले सतीश सेठ के खिलाफ ही कुछ किया गया। फिलहाल पीड़ित ने जहां उपजिलाधिकारी से मांग किया कि अवैध कब्जे पर ध्यान दिया जाय, वहीं कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से अपशब्दों का प्रयोग करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया है।

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