कथा सुनने से होती है मोक्ष की प्राप्तिः राम मोहन महाराज
samadhannews 365 # Niraj Kumar Srivastava
कथा सुनने से होती है मोक्ष की प्राप्तिः राम मोहन महाराज
चौकियां धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का प्रथम दिवस
चौकियां धाम, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र में स्थित शीतला चौकियां धाम में भागवत कथा प्रवचन मंगलवार सायं 7 बजे से शुरू हुआ। प्रथम दिन श्रीमद्भागवत कथा का महात्म सुनाते हुए श्रद्धेय परमपूज्य राममोहन महाराज ने बताया कि मनुष्य के प्रारब्ध में जो होना है, उसे कोई बदल नहीं सकता। चाहे वह कितना ही बलशाली और योग्य हो, भाग्य की गति को कोई टाल नहीं सकता। सुदामा तो भगवान के परम प्रिय मित्र थे। उनकी गरीबी कब का मिटा देते लेकिन उनके जीवन में दुख, कठिनाई, विपदा झेलनी पड़ी। जब समय पूरा हुआ तो परमात्मा ने उनके दिन पलट दिये। महराज जी ने बताया कि कर्म के साथ धर्म और अध्यात्म को अपने जीवन में हम अपनाएं, ताकि इस सांसारिक जीवन से मुक्ति पा सके। इस दौरान उन्होंने नारद भक्ति के बारे में भी विस्तार से बताया। भागवत कथा के पहले दिन की कथा में महाराज जी ने भागवत महात्म्य के विभिन्न प्रसंगों का व्याख्यान किया जिनमें देवर्षि नारद जी की भक्ति से भेंट, भक्ति का दुःख दूर करने के लिए नारद जी का उद्योग, श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से भक्ति की प्राप्ति, प्रसंग वर्णन, भागवत कथा और भगवत भक्ति का महत्व, भगवान के अवतारों का वर्णन, भगवान के यश कीर्तन की महिमा आदि प्रसंगों का सरस और मृदुल भाव से रसपान कराया गया। कथा प्रतिदिन सायं 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक हो रही है। कथा के बाद आरती पूजन-किया गया। इस मौके पर राम आसरे साहू, अशोक गुप्ता, गोपाल साहू, मदन साहू, विनोद मोदनवाल, प्रमोद मोदनवाल, संदीप श्रीमाली, शिव आसरे गिरी, विजय पंडा, मोनी पंडा समेत तमाम लोग कथा पण्डाल में मौजूद रहे।
चौकियां धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का प्रथम दिवस
चौकियां धाम, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र में स्थित शीतला चौकियां धाम में भागवत कथा प्रवचन मंगलवार सायं 7 बजे से शुरू हुआ। प्रथम दिन श्रीमद्भागवत कथा का महात्म सुनाते हुए श्रद्धेय परमपूज्य राममोहन महाराज ने बताया कि मनुष्य के प्रारब्ध में जो होना है, उसे कोई बदल नहीं सकता। चाहे वह कितना ही बलशाली और योग्य हो, भाग्य की गति को कोई टाल नहीं सकता। सुदामा तो भगवान के परम प्रिय मित्र थे। उनकी गरीबी कब का मिटा देते लेकिन उनके जीवन में दुख, कठिनाई, विपदा झेलनी पड़ी। जब समय पूरा हुआ तो परमात्मा ने उनके दिन पलट दिये। महराज जी ने बताया कि कर्म के साथ धर्म और अध्यात्म को अपने जीवन में हम अपनाएं, ताकि इस सांसारिक जीवन से मुक्ति पा सके। इस दौरान उन्होंने नारद भक्ति के बारे में भी विस्तार से बताया। भागवत कथा के पहले दिन की कथा में महाराज जी ने भागवत महात्म्य के विभिन्न प्रसंगों का व्याख्यान किया जिनमें देवर्षि नारद जी की भक्ति से भेंट, भक्ति का दुःख दूर करने के लिए नारद जी का उद्योग, श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से भक्ति की प्राप्ति, प्रसंग वर्णन, भागवत कथा और भगवत भक्ति का महत्व, भगवान के अवतारों का वर्णन, भगवान के यश कीर्तन की महिमा आदि प्रसंगों का सरस और मृदुल भाव से रसपान कराया गया। कथा प्रतिदिन सायं 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक हो रही है। कथा के बाद आरती पूजन-किया गया। इस मौके पर राम आसरे साहू, अशोक गुप्ता, गोपाल साहू, मदन साहू, विनोद मोदनवाल, प्रमोद मोदनवाल, संदीप श्रीमाली, शिव आसरे गिरी, विजय पंडा, मोनी पंडा समेत तमाम लोग कथा पण्डाल में मौजूद रहे।
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