नरेन्द्र मोदी आधुनिक भारत का एक नाम जिसके बिना भारत की २१वीं सदी को देखा ही नहीं जा सकता
भारत । २१वीं सदी का एक सक्षम नेता ‚ जिसने शायद ही किसी के दिल को न छूया हो। नरेन्द्र मोदी निश्चित ही एक मजबूत नेतृत्व का नाम है‚ जिन्होंने देश के विकास को एक नई दिशा दी‚ वैश्विक पटल पर भारत को गौरवान्वित किया और भारत का मान बढ़ाया।
परन्तु जैसा कि हर इंसान की क्षमता व विचार की सीमा होती है वहीं जाकर उसके विकास की यात्रा एक ही रास्ते पर चलती हुई दिखाई पड़ने लगती है।
वास्तव में इसकी वजह इतने अनावश्यक विरोधों के साथ सामंजस्य स्थापित करना बेहद जटिल प्रक्रिया होने के कारण कोई भी व्यक्ति स्वयं की उर्जा का सही उपयोग से वंचित रह जाता है। वह स्वयं के विचारों और सवालों के घेरे में इतनी बुरी तरह से उलझ जाता है कि वह हर आयाम से स्वाभाविक रूप से सामन्जस्य नहीं बना पाता।
मैं नरेन्द्र माेदी जी को भारत के सौभाग्य के रूप में देखता हूँ मैं इनमें एक सशक्त लीडर देखता हूँ जिसमें निर्णय लेने की अद्भुद क्षमता विद्यमान है ऐसे में सक्षम नेतृत्व को जनता का सर्मथन ही उसे और सशक्त बना सकता है।
जनता का मुख्य उत्तरदायित्व है मोदी जी को उनके कार्य करने में सहयोग करना।
जिसके लिए जनता को आवश्य उन बातों की ओर मोदी के ध्यान को आकर्षित करना है जिससे उन्हें इस बात का संज्ञान हो सके कि हमें किन किन दिशा में कार्य करना है।
जैसे
महंगाई
शिक्षा नीति
समानता
गरीबी
बेरोजगारी
अर्थनीति
विकेन्द्रीकरण
स्वच्छता
धन के ध्रुवीयकरण पर लगाम
इत्यादि समस्याओं पर दूरदर्शी परिणामों के मद्देनजर ऐसा सिस्टम बनाया जाना चाहिए जहाँ पात्र व्यक्ति सिस्टम के जरिए न कि किसी व्यक्ति के जरिए लाभान्वित हो। जहाँ पारदर्शिता बनी रहे।
आज चतुर स्वभाव‚ धूर्त प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है ये समाज के ऐसे दीमक हैं जो सरकारी व्यवस्थाओं में छेद तलाशकर कानून के दायरे में रहकर कानून को बड़ी आसानी से तोड़ते रहते हैं। और वास्तविक हकदार उपेक्षित टहलने को मजबूर है जबकि ये धूर्त गलत तरकों से नौकरी पाकर लाखों रूपए महीने की सैलरी उठा रहे हैं। इन सब पर कड़ी नजर होनी चाहिए।
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