Upsc या अन्य किसी भी प्रतियोगी परीक्षा
Upsc या अन्य किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में जान देकर पढ़ने से ज्यादा जरूरी रणनीतिक तैयारी होती है जिसमें हर पेपर में पिछले सालों में पूछे गए प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए तय करना होता है कि कहां से कितना पढ़ना आवश्यक होता है।
उदाहरण के तौर पर प्रीलिम्स में जनरल स्टडीज की तैयारी की बात करें तो यह देखना जरूरी होता है कि प्रति वर्ष इस प्रश्नपत्र में किस किस विषय जैसे हिस्ट्री, जियोग्राफी, कॉन्स्टिट्यूशन, करेंट अफेयर्स आदि किन किन चैपटरों से कितने कितने प्रतिशत सवाल पूछे जा रहे हैं तो आप देखेंगे कि यह दृष्टिकोण आपके सामने एक सुलझा व सुरुचिपूर्ण तैयारी का रास्ता बनकर आपको तैयारी हेतु प्रेरित करेगा।
और यही तरीका आपको हर विषय की तैयारी में apply करना होता है, यह तरीका आपके विजन को बिलकुल साफ कर देगा। चीजें अब आसान लगने लगेंगी।
क्योंकि इस विधि से अलग अलग बिखरी हुई चीजें आपके सामने व्यवस्थित दिखाई पड़ेंगी और जब आपको यह समझ में आने लगेगा कि हमें इस पैटर्न से पढ़ाई करनी है तो आपका विश्वास कई गुना ज्यादा होगा, आप मनोवैज्ञानिक रूप से भी उत्साहित होंगे।
अनंत शुभकामनाएं🌷
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