क्या है नेपाली जनता का सतही मामला ?

 


9सितंबर 2025 । नेपाली जनता का विरोध प्रदर्शन

क्या है नेपाल का पूरा मामला ?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध का इतना भयावह रूप ले लेना पूरी दुनियां के लिये बेहद चिंतनीय विषय है। सामान्य सी दिखने वाली बात इतने बड़े विरोध का रूप ले सकती है सोचनीय है। कि इन्सान स्वयं की स्वतंत्रताओं का लेकर इतना पजेसिव हो चुका की वह अपनी भावनाओं के तल पर पूरी तरह से निरंकुश जीना चाहता है। यह तस्वीर है जनता के उग्रता के उस रूप की जिसकी उम्मीद नहीं कि जा सकती, परन्तु यह सत्य है सरकारों को इससे सीख लेने की आवश्यकता है, की किसी भी फैसले से पहले जनता के मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया की गंभीरता को समझे।

उसके बाद ही कोई घोषणा करे। 21वें सदी की जनता का यह रूप भगवान ही मालिक है। 

खैर जानते हैं क्या है नेपाल का पूरा प्रकरण।


नेपाल में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया प्रतिबंध है। इस फैसले के खिलाफ युवाओं ने सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसमें भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ नारे लगाए गए। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकारी भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाए, अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाए और सोशल मीडिया तक पहुंच बहाल की जाए।

प्रदर्शन के मुख्य कारण

सोशल मीडिया पर प्रतिबंध

 नेपाल सरकार ने 4 सितंबर, 2025 को फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब और एक्स जैसे 26 बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदी लगा दी। सरकार का तर्क था कि ये कंपनियां नेपाल में रजिस्टर नहीं थीं और उन्होंने स्थानीय कार्यालय खोलने और शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने जैसे नियमों का पालन नहीं किया था।

भ्रष्टाचार

प्रदर्शनकारी सरकारी भ्रष्टाचार को समाप्त करने और अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शन के परिणाम

हिंसा और आगजनी प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, मीडिया हाउस और राष्ट्रपति भवन में आग लगा दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए।

सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच गतिरोध

सरकार का रुख

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने के लिए नए नियम बनाए हैं, जिसके तहत सभी सोशल मीडिया कंपनियों को नेपाल में रजिस्टर करना और स्थानीय कार्यालय खोलना अनिवार्य है।

प्रदर्शनकारियों की मांग प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने और सरकारी भ्रष्टाचार को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।

सरकार को मजबूरन रिजाइन करना पड़ा है।

पूरी दुनियां की सरकारों के लिए बेहद चिंतनीय विषय है। 

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