बुजुर्गों की नम आँखें बनी संवेदनाओं के आदान–प्रदान का जीवंत दृश्य
जौनपुर । विगत दिनों एस एस पब्लिक स्कूल, सिद्दीकपुर, जौनपुर के माध्यम से जौनपुर स्थित वृद्धा आश्रम में कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की सबसे विशेष बात यह रही कि कंबल विद्यालय के बच्चों के कर-कमलों से वृद्धजनों को प्रदान किए गए। बच्चों की मासूम मुस्कान और बुजुर्गों की नम आँखें इस बात की गवाह बनीं कि यह केवल कंबल वितरण नहीं, बल्कि संवेदनाओं का आदान–प्रदान था।
विद्यालय के "निदेशक : श्री विश्वतोष नारायण सिंह" ने इस मानवीय व अनुसरणीय कार्य के बारे में स्वयं के शब्दों में क्या कहा आगे पढ़कर आप स्वयं जान सकते हैं। निदेशक श्री ने कहा...
"यद्यपि यह कार्य मैं स्वयं भी जाकर कर सकता था, लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि जब ऐसे कार्यों में बच्चों को सहभागी बनाया जाता है, तो उनके भीतर मानवीय मूल्यों का बीजारोपण होता है। मेरी मंशा यही थी कि बच्चे बुजुर्गों के प्रति सम्मान, करुणा और अपनापन महसूस करें और यह समझें कि समाज में हर बुजुर्ग हमारे स्नेह और सहयोग का अधिकारी है।
यह उल्लेखनीय है कि यह पहला अवसर नहीं था। इसके पूर्व भी विद्यालय के बच्चों द्वारा वृद्धा आश्रम में रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं जैसे साबुन, तेल, ब्रश, मंजन आदि का वितरण किया गया था। सबसे भावुक कर देने वाली बात यह रही कि ये सभी सामग्री बच्चों ने अपने स्वयं के पैसों से खरीदी थी। यह दृश्य यह दर्शाता है कि संवेदना केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्म में भी झलकती है।
इन छोटे-छोटे प्रयासों के माध्यम से बच्चों ने न केवल सेवा करना सीखा, बल्कि यह भी जाना कि किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना सबसे बड़ा दान होता है। ऐसे अनुभव बच्चों के मन-मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ते हैं और उन्हें एक संवेदनशील, जिम्मेदार और संस्कारवान नागरिक बनने की दिशा में आगे बढ़ाते हैं।"
समाधान न्यूज 365 उक्त कार्य की सराहना करते हुए निदेशक श्री को बधाई देता है तथा शिक्षा के साथ ही बच्चों को संस्कारित करने के पहल की सराहना करता है।







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