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प्रज्ञा प्रवाह ने की नागरिकता संशोधन अधिनियम विषयक संगोष्ठी

# प्रज्ञा प्रवाह ने की नागरिकता संशोधन अधिनियम विषयक संगोष्ठी
जौनपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन प्रज्ञा प्रवाह के तत्वावधान में एक दिवसीय संगोष्ठी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 विषय पर हुआ जहां रामाशीष क्षेत्रीय संगठन मंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश ने बतौर मुख्य वक्ता बताया कि वर्तमान नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 भारत की स्वतंत्रता के समय की गयी भूल सुधार मात्र है। इस अधिनियम में वे प्रताड़ित व्यक्ति जो पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान के हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के हैं, वहां से भारत बसना चाहते हैं तो उन्हें संविधान के अन्तर्गत उन्हें नागरिकता दी जायेगी। इसी क्रम में प्रो. आरएन त्रिपाठी सदस्य उच्चतर शिक्षा आयोग प्रयागराज ने बताया कि भारत की संस्कृति सभी विदेशियों को पूर्व में भी समाविष्ट करने वाली रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये ओम प्रकाश चतुर्वेदी लोकपाल वाराणसी ने बताया कि यह अधिनियम एक सकारात्मक प्रयास है जो किसी की नागरिकता लेने के बारे में नहीं, बल्कि देने के बारे में है। इसके पहले कार्यक्रम की शुरूआत डा. सुभाष बिश्नोई ने वंदेमातरम गीत से किया। तत्पश्चात् डा. सुभाष चन्द्र शुक्ल ने स्वस्ति वाचन किया। इसके बाद कवि अशोक मिश्र ने स्वरचित कविता सुनाकर उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक डा. संतोष त्रिपाठी ने किया। अन्त में डा. कीर्ति सिंह ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। इस अवसर पर टीडीपीजी कालेज के प्रबन्धक अशोक सिंह, पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, सरदार सिंह, श्याम मोहन अग्रवाल, सरदार जसविन्दर सिंह, महंत सूर्य प्रकाश जायसवाल, मनोज तिवारी, नीतू सिंह, हरिश्चन्द्र सिंह, डा. अनीता त्रिपाठी, नारायण दास चौरसिया, संघ के बागी लाल, शैलेन्द्र मिश्रा, नरेन्द्र भाटिया, डा. मनोज मिश्र सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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