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एकलव्य जी व्यक्ति नहीं, बल्कि संस्था थेः अशोक सिंह

# एकलव्य जी व्यक्ति नहीं, बल्कि संस्था थेः अशोक सिंह
नामचीन व्यंग्यकार एकलव्य की मनायी गयी 80वीं जयंती
प्रदेश महासचिव राकेश श्रीवास्तव किये गये सम्मानित
जौनपुर। वाह रे विज्ञापनों की आंधी, शराब के कलेण्डरों पर महात्मा गांधी’ जैसे व्यंग्य से देश के नामचीन व्यंग्यकारों में गिने जाने वाले कृष्णकान्त ‘एकलव्य’ की 80वीं जयंती की पूर्व संध्या पर व्यंग्य-तरंग पत्रिका परिवार ने जिला अस्पताल के मरीजों को फल वितरित किया। तत्पश्चात् परिसर के संगोष्ठी भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां मुख्य अतिथि अशोक सिंह उद्योगपति महाराष्ट्र ने कहा कि स्व. एकलव्य व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे।
व्यंग्य के क्षेत्र में उनकी सेवाएं अमूल्य हैं। इसी क्रम में एकलव्य फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं कर्मचारी नेता राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि एकलव्य जी समाज के तमाम कुरूतियों पर बड़ी पैनी नजर रखते थे। हालांकि ग्रामीण पृष्ठभूमि के एकलव्य की शिक्षा दीक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई थी, वह गरीबों, मजदूरों, मजलूमों की पीड़ा की गहन अनुभूति करते थे। अध्यक्षता करते हुये नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष दिनेश टण्डन ने कहा कि मैं जितनी बार एकलव्य जी से मिला, वह सहजता व सरलता की प्रतिमूर्ति नजर आये। इस दौरान कर्मचारी नेता राकेश श्रीवास्तव को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का प्रदेश महासचिव बनाये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुये पत्रिका परिवार ने अंगवस्त्रम् व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। साथ ही पत्रकार जय आनन्द, पत्रकार संजय अस्थाना, इन्द्रसेन श्रीवास्तव, आनन्द मोहन श्रीवास्तव सहित अन्य वक्ताओं ने एकलव्य जी के व्यक्तित्व, कृतित्व व साहित्य पर चर्चा किया। वहीं डा. पीसी विश्वकर्मा ‘प्रेम जौनपुरी’, जर्नादन प्रसाद अस्थाना, आकिल जौनपुरी, आरपी सोनकर, आशिक जौनपुरी, समीर जौनपुरी, राजेश पाण्डेय सहित अन्य कवियों ने अपनी स्वरजांलि दी। इस मौके पर आये लोगों का स्वागत बाबा धर्मपुत्र अशोक ने किया तो आगंतुकों के प्रति आभार सरोज श्रीवास्तव ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश कुमार गिरीश ने किया। इस अवसर पर डा. विमला सिंह, निखिलेश सिंह, श्याम रतन श्रीवास्तव, अशलम शेर खां, रामसेवक, रवि श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव एडवोकेट, प्रदीप श्रीवास्तव डीओ, अजय सिंह, अतुल गोपाल मिश्रा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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