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मरम्मत की बांट जोह रहा जर्जर पशु सेवा केन्द्र

# मरम्मत की बांट जोह रहा जर्जर पशु सेवा केन्द्र
60 वर्ष पूर्व बना केन्द्र अब गिरने के कगार पर
विपिन मौर्य एडवोकेट
जौनपुर। मछलीशहर क्षेत्र के गोधना गांव में लगभग 60 वर्ष पहले बना पशु सेवा केन्द्र अब गिरने के कगार पर आ गया है। मरम्मत की बांट जोह रहा है जिससे इंसान और पशुओं के जानमाल का खतरा हर क्षण बना हुआ है। बता दें कि उक्त केन्द्र के जीर्णोद्धार हेतु शासन स्तर से 10.66 लाख रूपया स्वीकृत है। निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम और श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड को दी गयी है लेकिन पुराने जर्जर भवन की नीलामी प्रक्रिया के लिये किसी ठेकेदार के सामने न आने से धनराशि स्वीकृति के 4 महीने बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। चर्चाओं की मानें तो जर्जर भवन के मलबे को गिराने एवं मलबा हटाने के लिये स्वीकृत धनराशि सिर्फ 15 हजार होने से कोई ठेकेदार तैयार नहीं है, क्योंकि इतनी कम धनराशि में ध्वस्तीकरण व मलबा हटाना संभव नहीं है। पशु सेवा केन्द्र की उपयोगिता इसी से पता चलती है कि एक दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ों पशुओं का उपचार यहां होता रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने अविलम्ब इस केन्द्र के नवनिर्माण की मांग करते हुये मुख्यमंत्री को भी पत्रक भेजा है। वहीं इस बाबत पूछे जाने पर केन्द्र पर तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि वे लोग जान हथेली पर लेकर जर्जर भवन में बैठते हैं। यदि शीघ्र ही केन्द्र का जीर्णोद्धार नहीं हुआ तो मजबूरी में केन्द्र बन्द करना पड़ सकता है। वहीं ग्राम प्रधान गोधना राज बहादुर सिंह ने कहा कि निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है जो कभी भी विस्फोटक हो सकता है।

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