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लॉक डाउन में वित्तविहीन शिक्षक नहीं करेंगे मूल्यांकनः अखिलेश सिंह


जौनपुर।
समाधान न्यूज 365:
नीरज कुमार श्रीवास्तव#
कहा- शिक्षकों की जान जोखिम में डालकर मूल्यांकन कराना समझ से परे
जौनपुर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रान्तीय प्रधान महासचिव फौजदार सिंह अखिलेश ने कहा कि लॉक डाउन की अवधि में शिक्षकों की जान जोखिम में डालकर बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराना समझ से परे है। सरकार का यह अत्यन्त ही संवेदनहीन निर्णय है। प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से शिक्षक नेता ने कहा कि कोरोना महामारी की भयावहता से बचाव हेतु एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घरों में पूर्णतया लॉक डाउन रहने की अपील कर रहे हैं, वही प्रदेश सरकार माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के जान से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि जान जोखिम में डालकर कोई भी वित्तविहीन शिक्षक मूल्यांकन कार्य नहीं करेगा। पिछले कई दिनों से संगठन के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों से रायसुमारी चल रही है तथा सभी परिणाम के विलम्ब से चिंतित अवश्य हैं परंतु महामारी की भयावहता से डरे एवं सहमे हैं। उन्होंने सरकार से मांग किया कि मूल्यांकन कार्य लॉक डाउन समाप्त होने के बाद ही कराया जाय। प्रदेश की शिक्षा का लगभग 87 प्रतिशत भार वाहन करने वाला वित्तविहीन शिक्षक पहले 4 माह से विद्यालय बंद होने के कारण फीस जमा न होने से अल्प भुगतान जो उसे मिलता है, वह भी नहीं मिल पाने से परेशान हैं। ऐसे में अतिशीघ्र उनके जीवन रक्षा हेतु पैकेज उपलब्ध कराया जाय। मूल्यांकन से पहले उनके दुर्घटना बीमा की कोरोना योद्धाओं की भांति व्यवस्था की जाय। विभिन्न जनपदों के जिला विद्यालय निरीक्षकों ने वेतन वितरण में देरी होने पर मान्यता प्रत्याहरण की नोटिस दे रखे हैं जिन्हें तत्काल रोका जाय। लॉक डाउन के बाद मूल्यांकन हेतु सुदूर क्षेत्र के परीक्षकों के आवागमन हेतु सुरक्षित वाहनों की व्यवस्था की जाय।


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