तीन माह से बीमार सैनिक की मौत, परिजनों में कोहराम
समाधान न्यूज 365#
नीरज कुमार श्रीवास्तव~
तीन माह से बीमार सैनिक की मौत, परिजनों में कोहराम
सिकरारा, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के अंतर्गत सरैया गांव के एक भारतीय सेना में तैनात जवान की मौत हो गई। डयूटी के दौरान वह बीमार हो गया था। तीन माह से उसका इलाज चल रहा था। लखनऊ में शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। परिजनों ने शव को शनिवार की देर रात घर लाकर जौनपुर के रामघाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। इकलौते बेटे की मौत से मां बाप का रो रोकर बुरा हाल है। सेना का एक जवान भी साथ में मौजूद था। उसकी ड्यूटी भी जवान के घर तैनात कर दी गई है। तीन दिन पहले ही हृदयाघात से जवान की बड़ी बहन की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के सरैया गांव निवासी बलिराम यादव का इकलौता बेटा 01 जनवरी 2016 को भारतीय सेना में जब भर्ती हुआ था। पहली तैनाती कारगिल के ब्रास हुई। वहां दो साल तक तैनाती के बाद उनकी तैनाती उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हो गई। तीन माह पहले ड्यूटी के दौरान उनकी तबियत खराब हुई तो उनको रानीखेत सेंटर में भर्ती कर दिया गया। वहां से बरेली और फिर लखनऊ सेंटर पर भेज दिया गया। वहां इलाज के दौरान शुक्रवार को उनका निधन हो गया। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव को घर ले आया। शव देखते ही मां उषा देवी व पिता जोर जोर से रोने लगे। घर का चिराग बुझ जाने से वहां जुटी स्थानीय क्षेत्र की भीड़ भी अपनी आंसू नहीं रोक पाए रहे थे। तीन पहले ही भाई के बीमारी से आहत बड़ी बहन सोनी 28 वर्ष की मौत के गम से उबर भी नहीं पाई थे कि बेटे के मौत ने उनकी दुनियां उजाड़ दिया। रविवार को भी सांत्वना देने वाले लोगो का आना- जाना लगा रहा।
सिकरारा, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के अंतर्गत सरैया गांव के एक भारतीय सेना में तैनात जवान की मौत हो गई। डयूटी के दौरान वह बीमार हो गया था। तीन माह से उसका इलाज चल रहा था। लखनऊ में शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। परिजनों ने शव को शनिवार की देर रात घर लाकर जौनपुर के रामघाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। इकलौते बेटे की मौत से मां बाप का रो रोकर बुरा हाल है। सेना का एक जवान भी साथ में मौजूद था। उसकी ड्यूटी भी जवान के घर तैनात कर दी गई है। तीन दिन पहले ही हृदयाघात से जवान की बड़ी बहन की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के सरैया गांव निवासी बलिराम यादव का इकलौता बेटा 01 जनवरी 2016 को भारतीय सेना में जब भर्ती हुआ था। पहली तैनाती कारगिल के ब्रास हुई। वहां दो साल तक तैनाती के बाद उनकी तैनाती उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हो गई। तीन माह पहले ड्यूटी के दौरान उनकी तबियत खराब हुई तो उनको रानीखेत सेंटर में भर्ती कर दिया गया। वहां से बरेली और फिर लखनऊ सेंटर पर भेज दिया गया। वहां इलाज के दौरान शुक्रवार को उनका निधन हो गया। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव को घर ले आया। शव देखते ही मां उषा देवी व पिता जोर जोर से रोने लगे। घर का चिराग बुझ जाने से वहां जुटी स्थानीय क्षेत्र की भीड़ भी अपनी आंसू नहीं रोक पाए रहे थे। तीन पहले ही भाई के बीमारी से आहत बड़ी बहन सोनी 28 वर्ष की मौत के गम से उबर भी नहीं पाई थे कि बेटे के मौत ने उनकी दुनियां उजाड़ दिया। रविवार को भी सांत्वना देने वाले लोगो का आना- जाना लगा रहा।
नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके लाइक व
No comments