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पराली न जलाकर खेत की मिट्टी में दबायें तो मिलेगा फायदा


 

समाधान न्यूज 365#

पराली न जलाकर खेत की मिट्टी में दबायें तो मिलेगा फायदा
मछलीशहर, जौनपुर। धान की कटाई के बाद खेत में पराली को जलाने से पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है। किसान का भी भारी नुकसान है। खेत में पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। साथ ही जमीन की ऊपरी सतह पर उपलब्ध उर्वरा शक्ति भी क्षीण हो जाती है। इससे अगली फसल में किसानों को ज्यादा खाद और सिचाई करनी पड़ती है। उससे फसल की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में पराली खेत में जलाने की बजाय मिट्टी में दबा देना ही हितकर है, इससे वह पराली मिट्टी में सड़कर कार्बनिक खाद का काम करती है। जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। उक्त जानकारी उप सम्भागीय कार्यालय दाउदपुर मे बीटीएम प्रमोद उपाध्याय ने किसानों को जागरूक करते हुए दी। इस दौरान एडीओ एजी केशव प्रसाद यादव ने कहा कि फसल लेने के बाद पराली को काटकर एक गड्ढे में भर दिया जाए। इसके बाद उसमें गुड़, चीनी, यूरिया, गोबर का घोल डाल दें जिससे वह कार्बनिक खाद में तब्दील हो जाएगा। अगली फसल में इस कार्बनिक खाद का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि केन्द्र पर एचडी 2967 गेहूँ उपलब्ध है। किसान आधार कार्ड, पंजीकरण संख्या व बैंक पास बुक की फोटो कापी जमा कर ले सकते हैं। इस अवसर पर टीए राजेन्द्र प्रसाद यादव, हरिशचंद्र राव, मेवा लाल आदि सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।


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