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आरपीएस शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष कृष्ण कुमार यादव के खिलाफ फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज


 

samdhannews365#Niraj Kumar Srivastava

आरपीएस शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष कृष्ण कुमार यादव के खिलाफ फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज
न्यायालय के आदेश पर केराकत कोतवाली में दर्ज हुआ मुकदमा
उपनिबंधक केराकत, वसीका नवीस सहित 3 अन्य भी हैं आरोपी
मामला बिना दाखिल खारिज हुये जमीन पर शिक्षण संस्थान संचालित करने का
जौनपुर। बिना भू-अभिलेख में स्वामित्व प्राप्त जमीन पर भवन बनवाकर विश्वविद्यालय एवं तकनीकी संस्थानों में कूटरचित रूप से बैनामे द्वारा खरीदी गयी जमीन का बिना दाखिल खारिज हुए आर.पी.एस. शिक्षण संस्थान संचालित किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। इसकी शिकायत पर सिविल न्यायालय जौनपुर द्वारा धारा  156 (3) के तहत प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने सब रजिस्ट्रार केराकत सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। यह मामला केराकत कोतवाली  का है जिसकी चर्चा केराकत से निकलकर पूरे जनपद में तेजी से फैली हुई है। यदि पूर्वांचल विश्वविद्यालय व तकनीकी मान्यता प्राप्त करने हेतु तकनीकी संस्थान में प्रस्तुत जमीन के अभिलेखों का सत्यापन कराया जाय तो मान्यता प्राप्त करने में अन्य सरकारी कर्मियों की संलिप्तता भी प्रकाश में आ सकती है। शिकायतकर्ता हरेराम निषाद निवासी नालापार थाना केराकत के अनुसार क्षेत्र के सरायबीरू निवासी कृष्ण कुमार यादव नामक व्यक्ति द्वारा उदयचन्दपुर गांव में दूसरी की जमीन पर आरपीएस नामक शिक्षण संस्थान का भवन बनवाकर संचालित किया जा रहा है। आरोपों की मानें तो उक्त जमीन का फर्जी बैनामा भी कराया गया है जिसमें सुषमा देवी निवासी जरायत पट्टी, मूल निवासिनी 202 आराजी लाइन सुल्तानपुर थाना चुनार जिला मिर्जापुर, रामपति यादव निवासी सरायबीरू, अशोक कुमार निवासी सिहौली भी शामिल हैं। मामला सामने आने पर हरेराम निषाद ने पुलिस एवं न्यायालय के समक्ष गुहार लगायी जिस पर न्यायालय के आदेश के अनुपालन में केराकत पुलिस ने उपरोक्त लोगों के अलावा राकेश प्रताप सिंह सब रजिस्ट्रार कार्यालय केराकत एवं राजेन्द्र प्रसाद वसीका नवीस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। साथ ही उक्त मामले की जांच के लिये निरीक्षक अपराध दिग्विजय सिंह को जांच अधिकारी भी नामित किया गया है। सवाल यह है कि न्यायालय द्वारा सम्यक विचारोपरान्त संगीन धारा 467, 468, 471 आईपीसी की भी पुष्टि होने के बावजूद अभी तक किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है जो विचारणीय बिन्दु है। जानकारों की मानें तो फर्जी अभिलेख या प्रतिभू के सहारे कूटरचित रूप से सम्पत्ति हड़पने की नियत से फर्जी भू-अभिलेख के सहारे बैनामे का सम्पादन कराकर असली दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत कर विद्यालय की मान्यता प्राप्त करने में धारा 467, 468, 471 आईपीसी का अपराध स्पष्ट रूप से सृजित होता है जिसमें तत्काल गिरफ्तारी प्रविधानित है। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो संस्था के प्रबंधक के प्रभाव में उसके गिरफ्तारी की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।


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