प्रयोग से प्राप्ति तक
आपकी जिस भी भगवान में आस्था है उसी से समाधान मांग कर देख लो रास्ता साफ साफ दिखाई देने लगता है, और ऐसा इसलिये हो रहा होगा कि भगवान के समक्ष इस भाव से बैठने का मतलब यह है कि आप किसी बंद दरवाजे को खोलना चाहते हैं, तो सर्वप्रथम इस सोच को स्वयं के विचार में रखना होगा, तो ही ताले को खोलने की युक्तियों को आपके दिमाग में आने का रास्ता सुगम होगा, यह सब प्रकृति के विज्ञान के योग से घटित होगा। ईश्वर साधना के रास्ते समाधान की ऊर्जा उपलब्ध कराता है।
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