हर बार एक और बार दौड़ जाने में हर्ज ही क्या है...
किसी ने कहा कि बार बार हार जाने के बाद भी इतनी मुस्कुराहट और चेहरे पर विजेताओं सी चमक कहाँ से लाते हो।
हमने कहा कि बार बार हार जाने बाद भी, जब खुद को जिंदा पाता हूँ तो मुझे लगता है कि, भगवान अभी भी मुझसे कुछ चाहता है, इसीलिए मैं अब भी जिंदा हूँ, नहीं तो इस दुनियां में हर रोज लाखों लोग रात को सोते हैं और बदकिस्मती से सुबह उठ ही नहीं पाते। मैं तो उन सौभाग्यशालियों में हूँ, जिसे ईश्वर बार बार मौका देता है, जो मेरे लिए हमेशा खुश रहने की एक वजह रही, मैं सोचता हूँ कि जब भगवान ही हर बार मुझे दौड़ने का साहस दे रहा है तो, हर बार एक और बार दौड़ जाने में हर्ज ही क्या है।
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