तू पसंद नही की अवधारणा
तू पसंद नही की अवधारणा किसी को भी
आपके पक्ष में खड़ा होने नहीं दे सकती।
इसके बावजूद की आप ईश्वरीय भाव से सही ही क्यों न हों।
इंसान के बीच की सबसे बड़ी लड़ाई
मैं सही या तू सही की है,
संबंध कोई भी हो।
सैद्धांतिक रूप से ईश्वरीय भाव ही सही है, मन के नियंत्रण में "व्यक्ति भाव" हर हाल में हर नापसंद को सबक सिखाने की विकृत मनोदशा है।
#nirajchitravanshi
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