जिसकी बात कोई नहीं करता
जिसकी बात कोई नहीं करता
वह प्राणदायी हवा है
वह सूरज है
पानी है
धरती है
आसमान है
विशेषता नहीं, जरूरत बड़ी है
मनुष्य खुद में ही गवाह
रोता पीटता पूज करता अखंड
जब जब विपदा पड़ी है।
सभी से उसका सब चाहिए
अभी हम जरा व्यस्त हैं बाद में आइए।
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#niraj_chitravanshi
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