जीवन की अगली यात्रा वर्तमान से उच्चतर जाने की ओर
इस जीवन से प्राप्त शरीर व सभी इंद्रियां, अंग, अंगतंत्र, बुद्धि, विवेक इत्यादि भौतिकता के प्रभाव से परे, आदर्श उपयोग में ही कुछ उत्कृष्ट निर्मित कर सकती हैं, यही प्रकृति का सनातन सत्य नियम है। जैसे कुछ अच्छा पकवान बनाने के लिए शुद्ध, स्वच्छ स्वास्थ्यवर्धक सामग्रियों की आवश्यकता होती ही है, अन्यथा स्थिति में अच्छा , स्वादिष्ट व स्वास्थ्यवर्धक पकवान नहीं बन सकता है। इसी तरह यह जीवन भी एक अवसर है इसे बेहतर बनाने का, इसे व्यक्तिगत स्तर पर समग्र सकारात्मक, नैतिक, सत्य, आदर्श जीकर ही, जीवन के आगे की यात्रा में, जीवन के आज की स्थिति से उच्चतर स्थान प्राप्त किया जा सकता है। इस जीवन में यदि अवचेतन मन की स्थिति वर्तमान से उच्चतर स्थिति को प्राप्त न कर निम्नतर दुर्गुण इकठ्ठा करती है तो आगे के जीवन यात्रा में आज से भी नीचे की स्थिति में जाने को बाध्य होना पड़ सकता है। आज के जीवन की विषमताएं यह समझने के लिए पर्याप्त हैं कि पिछले जीवन यात्रा से इकट्ठा ही, आज के जीवन यात्रा में अभाव कारण है।
वर्तमान जीवन एक अवसर है, जीवन की अगली यात्रा वर्तमान से उच्चतर जाने की ओर‚ और ऐसा तभी संभव है जबकि आगे के जीवन हेतु उच्चतम गुणों की सामग्री इकट्ठा कर ली जाय। अर्थात भोज्य सामग्री अच्छी होगी तो पकवान का अच्छा होना सुनिश्चित होगा।


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