inflation

आजकल की चालांक सरकारें अर्थव्यवस्था के आंकड़ों को कुछ इस प्रकार सार्वजनिक करती हैं कि आम जनता को वास्तविकता की जानकारी हो ही नहीं सकती बात इन्फ्लेशन की करें तो दिखाए जाने वाले डाटा में मात्र पेट्रोल, खाद्यान्न में हो रही प्रतिवर्ष मूल्य वृद्धि को inflation कहकर जनता के सामने रखा जाता है जिसमें इन्फ्लेशन रेट 5 से 6% दिखता है जबकि पेट्रोलियम, दाल, रोटी, फल, सब्जी के अलावा भी तो अन्य तमाम वस्तु और सेवा के मूल्य में वृद्धि हो रही है परन्तु इसे मुद्रास्फीति के सरकारी आकड़ो से बाहर रखा जाता है। मूल्य वृद्धि तो हर ओर हर महीने हर साल हो रही है।जो वास्तव में 10 से 12 प्रतिशत के आस पास होती है। यही कारण है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कभी स्थिर हो ही नही पाती। जबकि अमेरिका व अन्य विकसित देशों में इन्फ्लेशन रेट 2 से 3 या 3.5 प्रतिशत तक ही रखा जाता है यही वजह है कि इन देशों के मुद्रा की वैल्यू ज्यादा होती है। अर्थशास्त्र के सैद्धांतिक सत्य के अनुसार किसी भी देश की मुद्रास्फीति जब 10% के ऊपर हो जाती है तो उसे uncontrollable inflation कहा जाता है। और 10% के ऊपर मुद्रा स्फीति को...