बिहार चुनाव 2025
"राजनीति के शिकारी= जाति×धर्म पर भारी"- प्रोफेसर (डॉ) अखिलेश्वर शुक्ला! भारतीय राजनीति में राजनीतिक घराने जिस दाव-पेच का सहारा लेते हैं, वह अब धीरे धीरे आमजन के समझ में आने लगा है। बिहार वह ऐतिहासिक प्रदेश है - जहां चाणक्य, चन्द्रगुप्त, महात्मा बुद्ध से लेकर नालन्दा, तक्षशिला सहित गांधी के चम्पारण सत्याग्रह, जयप्रकाश के सम्पूर्ण क्रान्ति आंदोलन आदि को लेकर जाना जाता है। बिहार विभाजन के पश्चात खनिज, उद्योग का बडा भाग झारखंड के हिस्से में चला गया। बिहार के पास खेती बारी के साथ साथ ऐसे राजनीति के धुरंधर घराने/ मजे हुए खिलाड़ी बचे रहे- जिसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोजगार के बजाय दल-कुर्सी , राजनीतिक व्यापार से ज्यादा लगाव/जुड़ाव रहा है। बिहार चुनाव में जातिगत एवं धार्मिक समीकरण राजनीति के धुरंधरों के सर माथे चढ़ कर बोल रहा है। भारतीय ब्यवस्था में जातिगत ब्यवस्था के पोषक सभी राजनीतिक दल एवं नेता हैं। यदि क...