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कायस्थ पाठशाला सोसाइटी की नयी टीम अब संवारेगी बीआरपी कालेज

# कायस्थ पाठशाला सोसाइटी की नयी टीम अब संवारेगी बीआरपी कालेज
प्रबंधक व सोसायटी के अध्यक्ष ने कालेज का गौरव लौटाने का लिया संकल्प

जौनपुर। लगभग 4 दशक के विवाद के बाद नगर की बीआरपी इण्टर कालेज के मैनेजमेंट का विवाद समाप्त हो गया। साथ ही नयी टीम ने कालेज के विकास का कार्य भी शुरू कर दिया।
बता दें कि मुक्तेश्वर प्रसाद बालिका इण्टर कालेज व बीआरपी इण्टर कालेज कायस्थ पाठशाला सोसाइटी के अन्तर्गत संचालित हैं। इस बाबत सोसायटी के अध्यक्ष रविन्द्र अस्थाना ने बताया कि एक समय था कि यह कालेज कोएजुकेशन की श्रेणी में शामिल था जिसमें विज्ञान की पढ़ाई एक स्थान रखती थी लेकिन प्रबंधकीय विवाद के चलते कालेज की स्थिति बिगड़ती चली गयी।
हालांकि वर्ष 2006 में सोसाइटी का विवाद उच्चतम न्यायालय से खत्म हो गया जिसके बाद मुक्तेश्वर प्रसाद बालिका इण्टर कालेज के प्रबंधक जीवन शंकर की जगह दिलीप श्रीवास्तव एवं सोसाइटी के अध्यक्ष रविन्द्र अस्थाना बनाये गये। इसी को लेकर बीते 16 दिसम्बर 2019 को न्यायालय के निर्देश पर नये प्रबन्ध तंत्र की मौजूदगी में हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने बीआरपी इण्टर कालेज के प्रबन्धक के रूप में कार्यभार संभाल लिया।
बताते चलें कि मुक्तेश्वर प्रसाद जो बीआरपी इण्टर कालेज के प्रबन्धक हुआ करते थे, के लड़के प्रेमशंकर व जीवन शंकर में प्रेमशंकर को मुक्तेश्वर प्रसाद की मृत्यु के बाद बीआरपी इण्टर कालेज का प्रबन्धक बना दिया गया था। वहीं जीवन शंकर को बीआरपी बालिका इण्टर कालेज का प्रबन्धक बनाया गया। बाद में जीवन शंकर ने बीआरपी बालिका इण्टर कालेज का नाम मुक्तेश्वर बालिका इण्टर कालेज करा दिया था। प्रबंधकीय व सोसाइटी की नियमावली के अनुसार मैनेजमेंट में वंशानुगत परम्परा नहीं होती है तथा उसमें करीबी रिश्तेदार को सदस्य या उप प्रबंधक नहीं बनाया जाता है। इसी को लेकर सोसाइटी से जुड़े लोगों ने चैलेंज कर दिया।
वर्ष 1981 में प्रेमशंकर बीआपी इण्टर कालेज के प्रबन्धक हुये जिसके बाद वर्ष 1987 से बीआरपी इण्टर कालेज के प्रबंधकीय एवं सोसाइटी का विवाद शुरू हो गया। इसके बाद वर्ष 2006 में सोसाइटी के अध्यक्ष रविन्द्र अस्थाना की जीत हुई लेकिन एक लम्बी लड़ाई के बाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव व रविन्द्र अस्थाना ने बाजी मारी।
इस लड़ाई के दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष रविन्द्र अस्थाना का दावा किया कि बीआरपी इण्टर कालेज के कुछ भवन को लेकर प्रेम शंकर श्रीवास्तव ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से मान्यता लेकर मुक्तेश्वर महाविद्यालय की स्थापना कर लिया जिसकी शिकायत महामहिम राज्यपाल से भी की गयी है। उसकी जांच रिपोर्ट पूविवि के कुलपति के पास लम्बित है। उम्मीद है कि मुक्तेश्वर महाविद्यालय के मामले में शीघ्र ही कोई फैसला हो जायेगा।

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