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मछुआरों का उत्पीड़न कर रही पुलिसः रामधनी बिन्द


जौनपुर।
समाधान न्यूज 365:
नीरज कुमार श्रीवास्तव#
जौनपुर। महामारी को लेकर लागू लॉक डाउन में उत्तर प्रदेश पुलिस किसानों व मछुआरों का उत्पीड़न कर रही है। उक्त बातें भारतीय मानव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केवट रामधनी बिन्द ने मंगलवार को प्रेस को जारी बयान में कही। उन्होंने आगे बताया कि बहुत सारे निषाद मछुआरे भूमिहीन हैं जिनकी जीविका नदियों पर ही आश्रित है। निषाद मछुआरे नदियों में मत्स्याखेट व शिकारमाही कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। लॉक डाउन का नाजायज फायदा उठाते हुये पुलिस सुविधा शुल्क व मछली न देने पर उनके साथ मारपीट कर उनकी नावें डूबा दे रहे हैं। गाजीपुर, संतकबीरनगर, मिर्जापुर, चन्दौली, बलिया से ऐसी खबरें पहले भी मिलीं थीं। वहीं गाजीपुर जनपद के जमानिया, करण्डा, दिलदारनगर, गहमर आदि थाना पुलिस मछली पकड़ने के नाम पर सुविधा शुल्क मांग रही है। बीते सोमवार को निषाद मछुआरों ने रूपये देने में असमर्थता व्यक्त किया तो पुलिस ने गाली-गलौज करते हुये उनकी नावों को डुबाने के साथ उनकी जाल को काटकर तहस-नहस कर दिया। श्री केवट ने कहा कि पुलिस की मनमानी से मत्स्याखेट व शिकारमाही के जरिये परिवार पालने वाले मछुआरे भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। भूमिहीन मछुआरों की जीविका मछली पकड़कर बेचने से ही चलती है। मत्स्याखेट व शिकारमाही के अलावा रोजी-रोटी का उनके पास कोई दूसरा साधन नहीं है। 50 प्रतिशत से अधिक पूर्वांचल के निषाद मछुआरे परम्परागत पेशे पर ही आश्रित हैं। उन्होंने मछुआरों का पुलिसिया उत्पीड़न बन्द करने व मछुआरों को 5-5 हजार रूपये महीने आर्थिक मदद दिये जाने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार से मांग किया है।


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