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रमजान का दूसरा अशरा मगफिरत शुरूः मोहम्मद इमरान


जौनपुर।
समाधान न्यूज 365:
नीरज कुमार श्रीवास्तव#
जौनपुर। मछलीशहर कस्बा निवासी मास्टर मो. इमरान ने कहा कि माह-ए-रमजान के मुकद्दस महीने का पहला अशरा रहमत वाला गुजर गया है। रमजान का दूसरा अशरा मगफिरत शुरू हो चुका है। इसमें अल्लाह बंदों के रोजा इफ्तार-सहरी नमाज-ए-तरावीह को कबूल करें। इन्हीं नेक कामों की वजह से गुनाहगारों का बख्शता है। लॉक डाउन के चलते लोग अपने घरों में रहकर अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। इनके द्वारा कुरान की खूब तिलावत भी की जा रही है। अल्लाह ने इस मुबारक महीने को 3 अशरों में तक्सीम किया है। पहला अशरा खुदा की रहमत वाला है। उन्होंने कहा कि यह 1 से 10 रमजान यानी पहले अशरे में खुदा की रहमत नाजिल होती है। रमजान का चांद नजर आते ही शैतान कैद कर लिये जाते हैं। जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते हैं। दोजख के दरवाजे बन्द कर दिये जाते हैं। अल्लाह अपनी रहमत से गुनाहगारों को अपने आजाब से निजात देते हैं। वहीं एक नेक काम के बदले में 70 गुना इजाफा कर देता है। रसूल स.अ.व. ने फरमाया कि अगर लोगों को मालूम हो जाय कि रमजान क्या चीज है। मेरी उम्मत साल के सारे महीने रमजान होने की तमन्ना करेगी। रमजान का महीना रहमत व बरकत वाला है। पहला अशरा गुजर गया है। दूसरा अशरा शुरू हो गया है। सभी रोजेदारों को नमाज और कुरान की तिलावत ज्यादा से ज्यादा करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस महीने में पूरी तरह वही लोग फायदा उठाते हैं जो अल्लाह की रहमत के सच्चे तलबगार होते हैं। दिल में अल्लाह की रहमत हासिल करने का जरिया रोजा है। इस तरह रमजान के महीने में रोजा रखने पर बड़ा सवाब मिलता है। इसी महीना में आसमानी किताब कुरान पाक हजरत मोहम्मद पर उतारा गया। जिस तरह अल्लाह ताला ने रोजा के लिये रमजान का महीना चुना, उसी तरह कुरान के लिये भी रमजान का महीना चुना। यही वजह है कि रोजा और कुरान का आपस में बहुत गहरा सम्बन्ध है।


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