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जयंती पर याद किये गये प्रख्यात साहित्यकार

 

जौनपुर । 

समाधान न्यूज 365: 

नीरज कुमार श्रीवास्तव# 

जयंती पर याद किये गये प्रख्यात साहित्यकार 

डोभी, जौनपुर। हिंदी साहित्य को अपनी लेखनी से समृद्ध करने वाले जनपद के स्मृतिशेष कवि एवं साहित्यकार स्वामीनाथ पाण्डेय को उनकी ९०वीं जयंती पर याद किया गया। उनके पैतृक आवास डोभी के हरिहरपुर में स्थित साहित्य साकेत सेवा संस्थान पर बुधवार को आयोजित साहित्यिक वर्चुअल गोष्ठी कार्यक्रम में उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया। वर्तमान कोविड-१९ महामारी के चलते सीमित रूप में आयोजित इस कार्यक्रम में वीडियो कांप्रâेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुये गुवाहाटी रेलवे बोर्ड के राजभाषा अधिकारी लक्ष्मण शिवहरे ने कहा कि स्वामीनाथ पाण्डेय के लेखन की एक विशिष्ट यात्रा के साथ उनके जीवन का एक सहज सफरनामा भी हिंदी साहित्य के प्रति उनके उत्कट अनुराग को दर्शाता है। साहित्यिक दलबंदीयों और शिविरों से मुक्त रहकर प्रचार और आत्मज्ञापन से दूर श्री पाण्डेय वीणा वादिनि के साधक थे। पत्रकारिता से लेखन प्रारंभ करने वाले श्री पाण्डेय काशी से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक तरंग के सह संपादक तथा दैनिक आज में पूर्वी क्षेत्र का पूरक पृष्ट के स्तंभकार के रूप में पत्रकारिता जगत में आप द्वारा दी गयी सेवा अविस्मरणीय है। काशी के प्रसिद्ध नवगीतकार ओम धीरज ने दिवंगत कवि के कृतित्व की चर्चा करते हुये कहा कि श्री पाण्डेय की रचनाएं राष्ट्रीय एवं सामाजिक सरोकार से ओत-प्रोत रही। समाज की गहरी संवेदना को अपनी लेखनी में समेटकर उन्होंने साहित्य जगत में नये कीर्तिमान स्थापित किये। श्री पाण्डेय द्वारा नवगीत में आंचलिकता के प्रक्षेपण को स्थापित करने की विशिष्टता ने उन्हें एक प्रतिष्ठित नवगीतकार बना दिया। सेंट्रल अकैडमी शहडोल म.प्र. के निदेशक डा. चार्ल्स विजेडियन डेविड ने कहा कि गोमती, प्राची, अंतराल, मधुबेला, भटके विश्वासों के स्वर, विश्वविकंपन (खंड काव्य) आपकी रचना है तो रणरंगीनी सम्पादित ग्रंथ है। इनका साहित्य जगत में विशेष स्थान है। १९ अगस्त १९३० को जौनपुर की माटी में पैदा हुआ साहित्य यह पहरुआ २७ अक्टूबर २०१७ को स्मृतिशेष हो गया किंतु उनका लेखन आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देता रहेगा। इस अवसर पर परिवारी जनों के साथ संस्था के सदस्यों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया। अन्त में साहित्य साकेत संस्था के प्रबंध निदेशक वारीन्द्र पाण्डेय ने सभी के पति आभार व्यक्त किया।

समाधान व्यूज :  

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