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रामलीला में अंगद-रावण संवाद का हुआ मंचन


 

Samadhannews 365 # Niraj Kumar Srivastava

रामलीला में अंगद-रावण संवाद का हुआ मंचन

सिरकोनी, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के सलखापुर गांव में 49 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक मौनी बाबा रामलीला समिति के तत्वावधान में शुक्रवार की रात चल रही रामलीला में लंका दहन, अंगद-रावण संवाद, विभीषण शरणागति का भावपूर्ण लीला का मंचन हुआ। रामलीला का शुभारम्भ पूर्व प्रधान संजय सिंह ने फीता काटकर किया। समाजसेवी सतीश सिंह ने श्री राम व लक्ष्मण की आरती उतारा। रामलीला समिति के संरक्षक श्री प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष शशीकान्त सिंह, उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह सोनू, डायरेक्टर संत प्रसाद सिंह ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। शुक्रवार की रात रामलीला में अंगद-रावण संवाद के दृश्य में अंगद रावण से कहते हैं कि हे रावण! मैं राम का दूत बनकर आया हूं। राम का संदेश है कि आप सीता मैया को ससम्मान सहित वापस पहुंचा दीजिये। नहीं तो लंका का विनाश निश्चित है। इस पर रावण क्रोध में आकर कहता है कि जो तुम्हारे पिता बलि को मार दिया, उन्हीं की तरफ से गुणगान कर रहे हो। इसके बाद अंगद-रावण में काफी संवाद के बाद अंगद अपना पैर जमाकर कहते हैं कि अगर तुम्हारे दरबार में जो सबसे ताकतवर हो, वह मेरा पैर उठाकर दिखाये तो आप जैसा कहेंगे, हम वैसा करेंगे। बारी-बारी सभी पैर उठाने लगे लेकिन किसी से भी पैर नहीं उठा। इसके बाद रावण उठता है और अंगद का पैर उठाने चलता है। जिस पर अंगद कहते हैं कि मेरे पैर छूने से क्या फायदा। अगर छूना है तो प्रभु श्रीराम के पैर को छुए जो आपको क्षमा कर सकते हैं। यह दृश्य देखकर दर्शक रोमांचित हो उठते हैं। श्रीराम व अंगद के जयकारे से पूरा पण्डाल गुंजायमान हो उठता है। वहीं रामलीला में हनुमान व सीता का संवाद देख लोग भावविभोर हो गये। इस अवसर पर प्रधान प्रमोद कुमार पप्पू, मुरली वर्मा, प्रेम नारायण श्रीवास्तव, राजकमल सिंह, विपिन कुमार सिंह पिंटू, अजय सिंह, पूर्व प्रधान भोला यादव, दया राजभर, अखिलेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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