Breaking News

मेरी निगाह किसी और पर नहीं है...

 किसी भी लेकिन-वेकिन, 

किंतु- परन्तु की कोई जगह ही नहीं।


मैंने इंसान को 

इंसान होने के नाते 

बखूबी पहचाना है।


मेरी निगाह किसी और पर नहीं है।


मैनें इंसान के रूप में खुद को, 

पूरी ईमानदारी बिना 

किसी पक्षपात के जाना है।


भीतर क्या है बाहर क्या है? 

अच्छा दिखाना है,

खराब छिपाना है।


इसलिए,! मैं ये नहीं मैं वो नहीं, 

सब एक बहाना है।


मैं भी इंसान हूँ! मेरे सच को मैनें 

बड़े एहतियात से जाना है।


सेब ही तो है यहां

वही छिलका, वही बीजा, वही गूदा

भीतर बाहर सब एक ही तराना है।


यहां सब इंसान है साहब, 

सबका अपना अपना,  इत्र चुनिन्दा है।

यहाँ बिना खांसे कौन जिंदा है।


#writer #nirajbharatiya #nirajchitravanshi #neerniraj 


अनंत शुभकामनाएं 🙏🏻🌷

No comments