कुछ बातें
चाहे खुली किताब ही रहना
पर समझ ना पाए कोई
इतना हिसाब रखना।
----💐💐------💐💐----///💐💐-------
झूठे मान सम्मान की अकड़
मूलतः विकास विरोधी है।
----💐💐-----💐-----💐------
जब तक अखबार खुद खोजकर
ना छाप दे खुद को सफल ना समझना।
#neerniraj #nirajchitravanshi
No comments