प्रकृति ईश्वरीय वैज्ञानिक भंडार है,
विज्ञान तो खोज मात्र है, जो पहले से ब्रम्हाण्ड में स्थित है, अर्थात विज्ञान का सब तो ब्रम्हाण्ड से ही उद्भूत है।
और समग्र ब्रम्हाणीय ही तो वेदों में वर्णित चरम सनातन सूत्र है।
"विज्ञान का अध्यात्म" पर किसी भी प्रकार का प्रश्नचिन्ह तो "चोरी भी और सीनाजोरी" ही हुआ।
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