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सुख, दुख, आशा, निराश, अमीरी, गरीबी, स्थितियां परिस्थितियां सब यहीं से इकट्ठा किया हुआ है

 इस दुनियां में आने के पूर्व

हमारे पास कुछ भी नही था
हम कुछ भी लेकर नहीं आए थे
सुख, दुख, आशा, निराश, अमीरी, गरीबी, स्थितियां परिस्थितियां सब यहीं से इकट्ठा किया हुआ है जो हमारे लिए सही नहीं है, उसे चिन्हित कर, हमे ही छोड़ना होगा, एक बात और ध्यान रखने वाली है कि जितनी गहरी प्रतिकूलता है उतने ही गहरे संकल्प से उसे त्यागना होगा।
Writer Niraj chitravanshi

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