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ध्यान की गहराई का विषय है

 "चाहने से कुछ भी नहीं होता"

जो होता है, सब भगवान की मर्जी से होता है।
"चाहने से ही सब होता है"
की उक्त दोनों बातें
एक साथ सही हो सकती हैं?
अनेकों जगह अनेकों तरीके से बताया गया है।
यह ध्यान की गहराई का विषय है।
दोनों ही बातें स्वयं में सत्य है।
आप समर्थ हैं समझ सकते हैं औरों को भी बताएं
अनंत शुभकामनाएं🙏🌷

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